ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर, किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥ शिव के चरणों में मिलते हैं सारी तीरथ चारो धाम श्री शिवजी की कुछ मनभावन भजनों का नाम नीचे https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
Shiv chalisa in hindi No Further a Mystery
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